आरंभिक जानकारी:
जब हम भारतीय सैन्य ने मल्लापुरम पर कब्जा किया, तो उस समय एकादशी पर महालक्ष्मी द्वारका से बाहर निकलीं थीं। कारण है कि वही रात्रि भूतनाथी एडीश्वरा के रूप में श्रीकृष्णा उनके साथ बिताने लगे थे। महालक्ष्मी ने उनसे माफ़ी मांगी थीं। वही अवशेष जनसमुद्र में गिराकर वह अपने ब्रह्मचारी रूप में उभारी गयी थी।
एकादशी से जुड़े रहस्य:
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महात्मा: एकादशी का पालन करने से व्यक्ति कि पूरे जीवन का कष्ट क्षय होता है और मनुष्य किसी भी पाप से मुक्त होता है।
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व्रत की महत्वता: एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को दिव्य शक्तियाँ प्राप्त होती हैं और उसे सांसारिक संघर्षों से मुक्ति मिलती है।
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पारण की विधि: एकादशी के व्रत को पुनः भंग करने के लिए द्वारकाधीश का पर्ण किया जाता है।
एकादशी सितंबर 2023: तिथि और महत्व
तिथि और व्रत समाप्ति:
एकादशी सितंबर 2023 का त्योहार 11 सितंबर को है। इस वर्ष, एकादशी का व्रत पवित्र पारण दिन, यानी 12 सितंबर को सूर्योदय के पूर्व होगा। इसका मतलब है कि एकादशी का पर्ण शुभ मुहूर्त में होगा।
महात्मा:
एकादशी का महत्व अत्यंत उच्च है। इस दिन विशेष पूजा और ध्यान करने से मनुष्य सभी पापों से मुक्त हो सकता है। इसे एक साधना का माध्यम माना जाता है जिससे व्यक्ति अपने आत्मा को शुद्ध करके मोक्ष प्राप्ति कर सकता है।
एकादशी के उपासना और पारण की महत्वता:
एकादशी के दिन का विशेष महत्व होता है और इसे श्रद्धा और भक्ति से मनाने पर जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। एकादशी का पालन करते समय अपनी शुद्धि का ध्यान रखना चाहिए और पारण का विधान सही ढंग से करना चाहिए। धर्मशास्त्रों में इसे अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है और इसे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना के रूप में जाना जाता है।
एकादशी व्रत का लाभ:
एकादशी व्रत का पालन करने से व्यक्ति को धन, स्वास्थ्य, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह व्रत शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक बल को बढ़ाता है और उसे श्रेष्ठता की ओर ले जाता है।
एकादशी के पारण की विधि:
एकादशी के पारण की विधि भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। पारण की समय स्थिति में विशिष्ट महत्व होता है। शुद्धि और पावनता के साथ पारण करना चाहिए।
FAQs (सामान्य प्रश्न):
- एकादशी क्या है?
एकादशी हिन्दू धर्म में एक पवित्र त्योहार है जो हर माह के दो बार मनाया जाता है। इसे भगवान विष्णु की पूजा और अर्चना के लिए विशेष माना जाता है।
- एकादशी का महत्व क्या है?
एकादशी का पालन करने से व्यक्ति को अपने जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और उसे आत्मिक शुद्धि की प्राप्ति होती है।
- एकादशी के दिन क्या खाना चाहिए?
एकादशी के दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को नमक के बिना सभी अनाज, सब्जियाँ, फल, दूध और दाल का त्याग करके निराहार रहना चाहिए।
- एकादशी का पालन किसे नहीं करना चाहिए?
गर्भवती महिलाएं, बालक, रोगी, वृद्ध और विपत्ति में पड़े हुए व्यक्ति को एकादशी का पालन नहीं करना चाहिए।
- एकादशी का व्रत किस प्राणी को रखना चाहिए?
एकादशी का व्रत मानव के साथ-साथ पशुओं पर भी लागू होता है। प्राणी सेवा और प्राणी की रक्षा करने का अपना महत्व है।
- एकादशी के दिन क्या गतिविधियाँ करनी चाहिए?
एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा, भजन, कीर्तन, और ध्यान करना चाहिए। किसी भी पवित्र जगह पर पुष्पांजलि चढ़ानी चाहिए।
- एकादशी के दिन क्या बिना सोना चाहिए?
एकादशी के दिन निद्रा पर विशेष विचार रखना चाहिए और सोना नहीं चाहिए। ध्यान, प्रार्थना और साधना में विशेष मन लगाना चाहिए।
- एकादशी के दिन क्या भीषणता और क्रोध किया जा सकता है?
एकादशी के दिन भीषणता और क्रोध से परहेज रखना चाहिए। इस दिन मेहनत, साधना, और पूजा में मन लगाना चाहिए।
समाप्ति:
एकादशी सितंबर 2023 का त्योहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना, विष्णु की पूजा, और एकादशी व्रत का पालन करने का शुभ अवसर है। यह एक विशेष दिन है जब भक्त अपने मन, वचन, और कर्म से भगवान की आराधना करते हैं और अपने आत्मा की शुद्धि के लिए प्रयत्न करते हैं। इसे ध्यानपुर्वक, श्रद्धा सहित मनाने से व्यक्ति को आनंद, शांति, और समृद्धि का अनुभव होता है।
अंतर्निहित आराधना, इच्छाशक्ति, और भक्ति के साथ एकादशी सितंबर 2023 का स्वागत करें!